Thursday 4 November 2021

बातें (Thoughts)

 








जब वापस आऊँगा... तब बहोत लिखूंगा...

इतना लिखूंगा की तुम थक जाओगे पढ़ते पढ़ते...

ना बस्स पढ़ते पढ़ते... समझते समझते भी...


बाते ही कुछ इतनी उलझन भरी है; की

उलझनों की तरह लिखना पढ़ता है उन्हें...

समझमे तो मुझे भी कुछ नहीं आती... इसलिए,

इस बार लिख कर समझना चाहता हूं, मैं उन्हें...


लिख कर समझना चाहता हूं मैं उन्हें...

✍️✍️✍️ Ingale Yashavant



Thursday 16 September 2021

जिंदगी (Life)

 

जिंदगी एक सीधा रास्ता नही है। जिंदगी एक पहेली की तरह है। जिंदगी में हर तरफ गड़बड़ (confusion) है और हर रास्ता हमे एक जगह लाके छोड़ता है। मगर हमे लगता है हम सीधे आगे बढ़ रहे है। असल में हम बस इधर उधर भटकते रहते है। बस भटकते ही तो रहते है...


देखिए ना,
कितना अच्छा होता अगर सब कुछ सहज होता... कितना अच्छा होता अगर सब कुछ हमारे नियंत्रण में होता ...अगर ऐसा होता तो शायद कुछ और समय हम सूरज (Sun) को रोक पाते... कितना अच्छा होता...

जिंदगी एक उलझन की तरह है , हर मोड़ पे एक नई पहेली हमे सुलझानी पढ़ती है... कभी कभी सबकुछ सुलझा हुआ लगता है मगर अचानक से कोई बदलाव आ जाता है... नियम और कठिन बन जाते है... अप्रत्यक्ष नही बल्कि प्रत्यक्ष रूप से बहोत सारे साहसों से लड़ना पढ़ता है... और बहुतांश बार अपने आपसे लड़ना पढ़ता है... सुख और दुःख ; जिंदगी के दो पहियों की तरह है कभी पिछला पहिया आगे तो कभी आगे का पीछे चलता ही रहता है...

आप जिंदगी का साथ दो या ना दो पर जिंदगी आपको साथ लेके समय के चक्र में आगे बढ़ती ही रहती है...

कितनी अजीब , साहसी और रोमांचकारी है न यह जिंदगी...!!!

✍️✍️✍️ Ingale Yashavant.