Saturday 30 May 2020

हमने तो डरना छोड दिया है...


हमने तो डरना छोड दिया है,
पुरी दुनिया जहां से भाग रही,
वही रुकना ठाण लिया है।
सब भाग गए तो मुसीबतों से,
कौन लढेगा ए जाण लिया है।

हमने मुसीबतों का इरादा पहचान लिया है।
              देख अकेले हमे,
              वो तूट पडणे के लिए तैयार है।
              देख अकेले हमे,
              वो डराने के लिए तैयार है।
              देख अकेले हमे,
              वो हाराणे के लिए तैयार है।

हमारे पास साधन कम पर,
मन मे विश्वास भरपूर है।
लढ रहे है, हारा रहे है;
लढ रहे है, हारा रहे है।

देख अकेले हमे लढते हुए,
मुसीबतों को हारते हुए,
सब खडे हो गए डरते हुए।

अब हम सब साथ है,
मुसीबतों के बाप है।
हारना तो छोडीए, डरना भी अब पाप है।
                           
                                             ✍️एक विद्यार्थी.
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विचारमाले विषयी अधिक माहिती:- विचारमाला

5 comments:

INGALE YASHAVANT said...

मुझे अभी कुछ व्याकरण के संबंध मे निर्देश मिले है, उनके अनुसार मैने कविता मे कुछ बदलावं किये है। अगर आपको भी कूछ सूचित करणा है तो यहा कर सकते है।

Unknown said...

OK.

Unknown said...

ठिक आहे.

Anonymous said...

छान

VISHAL DANGE said...

Mast