Thursday, 4 November 2021

बातें (Thoughts)

 








जब वापस आऊँगा... तब बहोत लिखूंगा...

इतना लिखूंगा की तुम थक जाओगे पढ़ते पढ़ते...

ना बस्स पढ़ते पढ़ते... समझते समझते भी...


बाते ही कुछ इतनी उलझन भरी है; की

उलझनों की तरह लिखना पढ़ता है उन्हें...

समझमे तो मुझे भी कुछ नहीं आती... इसलिए,

इस बार लिख कर समझना चाहता हूं, मैं उन्हें...


लिख कर समझना चाहता हूं मैं उन्हें...

✍️✍️✍️ Ingale Yashavant



1 comment:

INGALE YASHAVANT said...

Comment करतेवेळी आपल नाव नक्की mention करा.
- Ingale Yashavant